श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को मथुरा नगरी में हुआ।
यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्म को मनाने के लिए मनाया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
जन्माष्टमी के दिन भक्त उपवास रखते हैं और मध्यरात्रि को श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं।
इस दिन दही हांडी उत्सव भी मनाया जाता है, जिसमें श्रीकृष्ण की माखन चोरी की लीला का प्रदर्शन होता है।
भजन और कीर्तन इस पर्व की शोभा बढ़ाते हैं, जिसमें भक्त मिलकर कृष्ण की महिमा गाते हैं।
जन्माष्टमी के अवसर पर रासलीला का मंचन भी होता है, जिसमें श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का प्रदर्शन किया जाता है।
इस दिन मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जाता है और झांकियों का आयोजन किया जाता है।
जन्माष्टमी 2024 का यह पावन पर्व हमें भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं और उपदेशों को याद करने का अवसर प्रदान करता है।