मंगल गोचर 3 अप्रैल 2025: मंगल का कर्क राशि में गोचर – नीच के हुए मंगल, किसको कहाँ और कैसे नुकसान?

मंगल परिचय:
ज्योतिष विज्ञान में मंगल ग्रह को शक्ति, उत्साह और पराक्रम का प्रतीक माना जाता है। मंगल साहस, आत्मविश्वास, उपलब्धि, बल और निर्णायकता का कारक भी है। मंगल की शुभ स्थिति जीवन में ऊर्जा, तेज, विजय और उन्नति प्रदान करती है।
परंतु 3 अप्रैल 2025 को मंगल कर्क राशि में प्रवेश कर चुके हैं, और कर्क राशि में मंगल नीच के माने जाते हैं। इस कारण अगले 63 दिनों तक मंगल का प्रभाव सभी राशियों पर नकारात्मक रूप से पड़ सकता है।

इस ब्लॉग में हम सभी 12 राशियों पर मंगल राशि परिवर्तन का विस्तृत विवरण प्रस्तुत कर रहे हैं:

मेष राशि:
मेष राशि के स्वामी स्वयं मंगल हैं।
प्रभाव: माँ के स्वास्थ्य में गिरावट हो सकती है, कई बार पारिवारिक विवाद भी संभव हैं। यदि आप नया वाहन खरीदने का विचार कर रहे हैं तो 7 जून के बाद तक रुकें। उसके पश्चात वाहन क्रय और व्यवसाय में बड़ा निवेश करना लाभकारी रहेगा।
उपाय: गहरे रंग के वस्त्र दान करें।

वृषभ राशि:
प्रभाव: नौकरीपेशा लोगों को इस समय सबसे अधिक परेशानी हो सकती है। अनचाहा स्थानांतरण, मानसिक तनाव, भाई–बहनों से विवाद और रक्तचाप जैसी स्वास्थ्य समस्याएँ संभव हैं।
उपाय: शिवलिंग पर कुमकुम अर्पित करें।

मिथुन राशि:
प्रभाव: पैतृक संपत्ति को लेकर विवाद हो सकता है। संतान के भविष्य को लेकर चिंता और उनसे मतभेद के योग बनते हैं। आकस्मिक आर्थिक हानि की भी संभावना है।
उपाय: शाम के समय घर में हनुमान जी को गुड़ चढ़ाएं व चमेली के तेल का दीपक जलाएं।

कर्क राशि:
प्रभाव: कर्क राशि के जातकों पर मंगल का सबसे अधिक नकारात्मक प्रभाव रहेगा क्योंकि मंगल यहाँ नीच के होकर 63 दिन तक रहेंगे। मानसिक तनाव, आर्थिक तंगी और हर प्रकार के झगड़ों की संभावना रहेगी।
उपाय: हनुमान अष्टक का नियमित पाठ करें।

सिंह राशि:
प्रभाव: अनावश्यक खर्चों में वृद्धि होगी जिससे आर्थिक परेशानी हो सकती है। भाई-बहनों से वाद-विवाद की संभावना भी बनती है।
उपाय: दक्षिणमुखी हनुमान जी के दर्शन करें।

कन्या राशि:
प्रभाव: व्यापारी वर्ग को मुनाफे में कमी का सामना करना पड़ सकता है। प्रेम संबंधों में भ्रम और संदेह की स्थिति बन सकती है, निर्णय लेने में कठिनाई होगी।
उपाय: प्रत्येक रविवार को चींटी को आटा डालें।

तुला राशि:
प्रभाव: स्वास्थ्य में गिरावट, मानसिक तनाव, कार्यक्षेत्र में दबाव और पिता से मतभेद की स्थिति बन सकती है।
उपाय: रोजाना दो बार बजरंग बाण का पाठ करें।

वृश्चिक राशि:
प्रभाव: भाग्य का साथ कम मिलेगा, कार्यों में रुकावटें आएँगी और कार्य धीमी गति से पूर्ण होंगे।
उपाय: रोजाना हनुमान मंदिर के दर्शन करें और कार्य पर जाएं।

धनु राशि:
प्रभाव: आकस्मिक हानि की संभावना अधिक है। अपनों से धोखा मिल सकता है। जल्दबाज़ी में निवेश करने से बचें। यदि शुगर की समस्या है तो विशेष सतर्कता बरतें।
उपाय: महामृत्युंजय मंत्र का नियमित जाप करें।

मकर राशि:
प्रभाव: वैवाहिक जीवन में तनाव, प्रेम संबंधों में धोखा और साझेदारी के व्यवसाय में सावधानी की आवश्यकता है।
उपाय: बगलामुखी मंत्र का जाप करें या सुंदरकांड का पाठ करें।

कुंभ राशि:
प्रभाव: स्वास्थ्य की दृष्टि से यह समय कुंभ राशि के लिए सबसे अधिक कष्टकारी हो सकता है, विशेष रूप से रक्तचाप और रक्त संबंधी विकारों का खतरा रहेगा।
उपाय: शिवलिंग पर जल अर्पित करें और हनुमान जी की नियमित पूजा करें।

मीन राशि:
प्रभाव: संतान पर अधिक खर्च हो सकता है। विद्यार्थियों को एकाग्रता बनाए रखनी होगी। क्रोध पर नियंत्रण न रखने से संबंधों में खटास आ सकती है।
उपाय: संतान के हाथों गेहूं की रोटी और चूरमे का दान कराएं।

Call Now Button
×