पवन पुत्र हनुमानजी के बारे में यदि एक शब्द कहना हो तो वह होगा “अमिट”¬((जो न मिट सके न कोई मिटा सके) हनुमानजी का नाम ही अमिट है| जो उनकी महान शक्तियों वीरता और भक्ति का प्रतीक है। उन्हें महाभारत काल से लेकर आज भी हर युग में भक्तों की आराधना का विषय माना जाता है। भगवान राम के विश्वासी भक्त हनुमानजी की महिमा अपार और अवर्णनीय है। हनुमानजी को विविधताओं का प्रतीक माना जाता है। उनके बल वीरता और भक्ति में अद्वितीयता है| जो सदैव हर पीढ़ी को प्रेरित करती है। उनका नाम लेना ही एक भक्त के लिए पूरे ब्रह्मांड का सार है।
यह अद्वितीय भक्ति और शक्ति के प्रतीक भगवान हनुमानजी है|
हर साल चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम नवमी का भव्य उत्सव प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है|
कब है हनुमान जयंती?
इस साल देश में राम नवमी 17 अप्रैल 2024 को मनाई गई| ठीक रामनवमी के छे दिन बाद यानि चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि के दिन पवन पुत्र भगवन हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है| जो की इस साल 23 अप्रैल 2024 मंगलवार को है| इस साल हनुमान जयंती का पर्व और भी अधिक महत्वपूर्ण और विशेष हो गया है क्योंकि हनुमान जयंती इस साल मंगलवार के दिन ही है और ‘मंगल वार’ भगवन हनुमान के अधीन ही आता है|
हनुमान जयंती पूजा शुभ समय व मुहूर्त:
सुबह 10:30 से 1:30
मध्यान्ह काल 3:00 से 4:30
साय काल 7:30 से 9:00
हनुमान जयति के दिन करें इस विशेष व चमत्कारी मन्त्र का उचारण 108 बार:
श्लाघनीयोऽनिलस्य त्वं सुतः परमधार्मिकः ।
बलं शौर्यं श्रुतं सत्त्वं विक्रमो दाक्ष्यमुत्तमम्॥
तेजः क्षमा धृतिः स्थैर्यं विनीतत्वं न संशयः ।
एते चान्ये च बहवो गुणास्त्वय्येव शोभनाः ॥
हनुमान जयंती का महत्त्व:
हनुमान जयंती एक महत्वपूर्ण पर्व है जो हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन भगवान हनुमान की जयंती के अवसर पर उनके भक्त उन्हें भक्ति और समर्पण के साथ याद करते हैं और उनकी कृपा और आशीर्वाद की कामना करते हैं। हनुमान जी को समर्पित इस पर्व के दिन भक्तों द्वारा पूजन, अर्चना, व्रत और भजन-कीर्तन किया जाता है। इसके अलावा, भक्तों की संख्या में वृद्धि, धार्मिक गाथाओं और कथाओं का पाठ, और समाज में सेवा कार्यों का भी आयोजन किया जाता है। हनुमान जयंती का यह महत्व भक्ति और सेवा के माध्यम से समृद्धि और संतुलन की प्राप्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
पूजा विधि: हनुमान जयंती
१. सूर्य उदय के समय भगवन सूर्य को जल अर्पण करें|
२. पूजा स्थल को साफ़ कर गंगा जल लसे पवत्र करें|
३. सभी भगवान पर गंगा जल या सामान्य व शुद्ध जल अर्पण करें|
४. हनुमान जी के चरणों मे लाल या पीले पुष्प अर्पित करें|
५. विशेष रूप से चमेली के तेल का दिया करें|
६. यदि संभव हो तो सुन्दरकाण्ड का पाठ करें|
७. सभी घर के सदस्यों को लाल चन्दन का तिलक लगाने
८. सभी घर के सदस्यों के साथ आरती करें|
९. अंत में एकांत में इस मन्त्र का धयान करें व हनुमान जी से आशीर्वाद की कामना करें|
श्लाघनीयोऽनिलस्य त्वं सुतः परमधार्मिकः ।
बलं शौर्यं श्रुतं सत्त्वं विक्रमो दाक्ष्यमुत्तमम्॥
तेजः क्षमा धृतिः स्थैर्यं विनीतत्वं न संशयः ।
एते चान्ये च बहवो गुणास्त्वय्येव शोभनाः ॥
यदि आप निरंतर चोटिल होते है यदि आपको हर समय भय का आभास होता है तो एक बार ये जरुर पढ़े व अपना लोकेट बुक करें|
आप सभी को मेरी ओर से हनुमान जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं कामना करता हूँ इस हनुमान जयंती पर आपको भगवन हनुमान का पूर्ण आशीर्वाद व कृपा की प्राप्ति हो|
आपका
रुद्राक्ष श्रीमाली