DELAY IN MARRIAGE – 4 REASONS FOR LATE MARRIAGE

DELAY IN MARRIAGE - REASON FOR LATE MARRIAGE

Delay in Marriage | 4 Reasons for Late Marriage

नमस्कार आदर्श को,
आपका हार्दिक स्वागत है आज के इस ब्लॉग में मैं रूद्राक्ष श्रीमाली आज हम जिस विषय पर चर्चा करने जा रहे हैं इस ब्लॉक के अंदर उसका नाम है शादी में विलंब के चार मुख्य ज्योतिष के कारण।
विवाह में विलंब सामाजिक कारण तो है ही परंतु कुछ ज्योतिषीय कारण भी है जिससे आपको शादी में देरी, विलंब देखने को मिल सकते हैं।
यदि मैं केवल भारत की बात करूं तो एक एवरेज उम्र विवाह की 24 से लेकर 25 वर्ष की आयु तक होती है। माता-पिता अपने पूरे प्रयास करते हैं कि उनके बच्चों की शादी 25 वर्ष की आयु तक हो जाए परंतु कई बार ऐसा देखा जाता है कि पूरे प्रयास करने के बावजूद उनकी शादी नहीं हो पाती और इसी कारण परिवार में तनावपूर्ण माहौल हो जाता है टेंशन का माहौल देखने को मिलता है। इसीलिए आज मैं आपके सामने ज्योतिषीय चार महत्वपूर्ण कारण रखने जा रहा हूं जिससे आपको यह ज्ञात हो जाए की आपकी शादी में देरी के ज्योतिषीय कारण क्या है?
पहले मुख्य कारण पर मैं बात करूंगा व्यक्ति का मांगलिक होना
दूसरा मुख्य कारण सप्तम भाव के अंदर नीच ग्रह का विराजमान होना और वह आपको क्या प्रभाव देंगे
तीसरा मुख्य कारण शुक्र ग्रह पर मंगल व शनि की दृष्टि
चौथा मुख्य आखिरी कारण उच्च अभिलाषी ग्रह और उच्च अभिलाषी ग्रह क्या होते हैं आज मैं आपको वह भी बताने जा रहा हूं
1• सबसे पहले बात करते हैं मंगल विचार पर यानी किसी भी व्यक्ति का मांगलिक होना: यहां पर मैं आपको सबसे पहले यह बता दूं कि कुंडली में ऐसी क्या स्थिति बनती है जिससे वह व्यक्ति मांगलिक होता है यदि किसी भी कुंडली के अंदर लग्न में यानि पहले भाव के अंदर मंगल विराजमान हो तो व्यक्ति मांगलिक कहलाता है, यदि चतुर्थ भाव यानी की सुख भाव के अंदर मंगल विराजमान हो तो व्यक्ति मांगलिक कहलाता है सप्तम भाव में यदि मंगल विराजमान हो तो व्यक्ति मांगलिक कहलाता है अष्टम भाव व खर्च भाव यानी की बारवा भाव कुंडली का यदि उसके अंदर मंगल विराजमान हो तो जातक मांगलिक कहलाता है।
इस आर्टिकल के जरिए मैं आपको एक और बात बता दूं समझा दूं कि डबल मांगलिक व अल्प मांगलिक जैसी कोई भी चीज ज्योतिष विज्ञान के अंदर नहीं है इसीलिए आप घबराएं ना वह यह न सोचे कि मैं डबल मांगलिक हूं या अल्प मांगलिक हूं इस वजह से मेरी शादी नहीं हो पाएगी या फिर बहुत कष्ट आएंगे केवल और केवल जो मैंने आपको आज पांच भाव बताएं इस आर्टिकल के जरिए उसके अंदर यदि मंगल कोई भी स्थिति के अंदर विराजमान हो तो वह जातक मांगलिक कहलाता है और मांगलिक व्यक्ति की शादी 28 से 29 वर्ष की आयु के बाद में देखी जाती है परंतु ऐसा जरूरी नहीं है कि व्यक्ति यदि मांगलिक है तो उसकी शादी 28 वर्ष के बाद में ही होगी। विवाह की तारीख के सही आकलन के लिए आपको कुंडली विश्लेषण के जरिए ही ज्ञात हो सकता है कि आपकी शादी का सही व अनुकूल समय क्या होगा।
बढ़ाते हे दूसरे कारण की तरफ यानी कि सप्तम भाव के अंदर कोई भी ग्रह नीच अवस्था के अंदर विराजमान होना। यदि उदाहरण स्वरूप ले सप्तम भाव में कोई भी कुंडली के अंदर शनि ,चंद्रमा ,मंगल या शुक्र नीच के होकर विराजमान हो जाए तो उस जातक का विवाह काफी देरी से देखने को मिलता है वह उन्हें समय-समय पर कोई ना कोई कष्ट कोई ना कोई दिक्कत, समस्या देखने को मिलती है यह दूसरा मुख्य कारण था जिससे आपको शादी में विलंब देखने को मिल सकता है।
बढ़ाते हैं तीसरे मुख्य कारण की ओर यानी कि शुक्र ग्रह पर शनि की वह मंगल की दृष्टि: यहां पर मैं आपको उदाहरण के जरिए यह समझाता हूं कि शुक्र पर मंगल की दृष्टि व शनि की दृष्टि से आप किस तरीके से प्रभावित हो सकते हैं मान लीजिए शुक्र सप्तम भाव में विराजमान है और शनि की तीसरी या सातवीं दृष्टि शुक्र पर पड़ रही है या फिर मंगल की चौथी सातवीं या आठवीं दृष्टि शुक्र पर पड़ रही है ऐसी स्थिति के अंदर उसे जातक के प्रेम विवाह के आसार अधिक हो जाते हैं। यदि किसी कारणवश उस जातक का प्रेम विवाह नहीं हो पता यानी कि सामाजिक कारण से या फिर पारिवारिक कारण से या यदि किसी कारणवश उसे जातक का प्रेम विवाह नहीं हो पता तो उसे अरेंज मैरिज के अंदर काफी कष्ट व समस्या तनाव देखने को मिलते हैं और ऐसी स्थिति के अंदर उस जातक का विवाह 27 से 28 वर्ष के पश्चात होता है यहां पर काफी और भी घटनाएं ग्रह स्थिति देखने के बाद में ही यह क्लियर किया जा सकता है कि उस व्यक्ति का विवाह वाकई में देरी से होगा या नहीं यहां पर मैं आपको चार महत्वपूर्ण कारण बता रहा हूं जिससे आपको विवाह में विलंब देखने को मिल सकता है परंतु हर कुंडली हर ग्रह स्थिति एक अलग परिणाम देती है जिससे आपको विवाह में विलंब देखने को मिल सकता है।
बढ़ेंगे हमारे अंतिम व चौथे कारण की ओर यानी कि उच्च अभिलाषी ग्रह सबसे पहले मैं आपको यह बता दूं उच्च अभिलाषी ग्रह क्या होता है यदि किसी कुंडली के अंदर कोई भी ग्रह आप उदाहरण के रूप में लेने शुक्र सप्तम भाव में विराजमान हो बेहद अच्छी स्थिति के अंदर विराजमान हो यानी कि उच्च के मूल त्रिकोण के यह स्वराशि के हो और उनकी डिग्री 25 या 25 से अधिक हो और निरंतर रूप से बढ़ रही हो तो इस स्थिति के अनुसार कुंडली में सातवां भाव बेहद मजबूत व शक्तिशाली हो जाता है जिससे उसे व्यक्ति को अपना जीवन साथी चुन्नी में काफी समय लगता है और वह अच्छे रिश्ते आने के बाद भी यही सोचता है कि मेरे को और अच्छा जीवनसाथी मिल सकता है मेरे को और ज्यादा रुकना चाहिए जिससे मेरा वैवाहिक जीवन और आनंद पूर्ण तरीके से व्यतीत कर पाए और और इस तरीके से वह जाता के 28 से 29 वर्ष तक अच्छा जातक अपने अनुसार अपना जीवन साथी खोज कर अपना समय बर्बाद कर देता है तो यह था उच्च अभिलाषी ग्रह जो कि मैं आपको आसान शब्दों में स्पष्ट करने की वह समझने की कोशिश की।
यहां पर अंत के अंदर मैं आपको दो सवालों के जवाब देने जा रहा हूं जो मुझसे काफी बार पूछे जाते हैं और लोग काफी समस्या व भ्रांतियां से भरे होते हैं तो लिए मैं आपको उन दो सवालों के जवाब दे दूं
पहला सवाल क्या एक मांगलिक व्यक्ति दूसरे मांगलिक व्यक्ति से विवाह कर सकता है?
यहां पर मैं कहूंगा बिल्कुल एक व्यक्ति यदि मांगलिक हो और दूसरे व्यक्ति से विवाह करना चाहे और वह भी मांग लिखो तो दोनों ही जातक एक दूसरे से विवाह कर सकते हैं परंतु एक बात का विशेष ध्यान रखें अपना कुंडली विश्लेषण कारण अपना गुण मिलान कराए कुंडलिया मैच करवाए दोनों की और यह जरूर देखें कि दोनों का सातवां भाव कुंडली के अंदर अच्छी स्थिति के अंदर है या नहीं उसके बाद में आप दोनों के काम से काम यदि 26 गुण मिले तो आप बिल्कुल शादी कर सकते हैं।
दूसरा सवाल क्या एक मांगलिक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति जो मांगलिक नहीं है कौन से विवाह कर सकते हैं?
यहां पर भी मेरा जवाब हां होगा बिल्कुल आप विवाह कर सकते हैं परंतु अपना गुण मिलान कारण 26 गुण कम से कम मिले और दोनों ही कुंडली के सप्तम भाव अच्छी कंडीशन के अंदर अच्छी स्थिति के अंदर हो तो आप विवाह कर सकते हैं यदि सप्तम भाव व 26 गुण या 26 से अधिक गुण कुंडली में मिल रहे हो तो आपका जीवन बेहद सुखद रहने वाला है और आपको समस्या पूर्ण वैवाहिक जीवन व्यतीत करेंगे।
तो इस आर्टिकल के जरिए मैं आपको आज ऐसे चार मुख्य ज्योतिषीय कारण बताएं जिससे आपको विवाह के अंदर विलंब देखने को मिल सकते हैं यदि आपकी भी कुंडली में यह ग्रह स्थिति बन रही है तो ऐसा हो सकता है कि आपका विवाह भी 28 से 29 वर्ष की आयु के बाद में ही हो यहां पर मैं आपको एक सुझाव या एक सलाह देना चाहूंगा विवाह एक बहुत ही महत्वपूर्ण फैसला होता है। जो हमारे जीवन की दूसरी इनिंग्स की शुरुआत होती है तो अपनी कुंडली का विश्लेषण कारण और कुंडलिया मैच कर कर उनके गुण मिलान जरूर कारण उसके बाद में ही यह महत्वपूर्ण फैसला ले जिससे आपका वैवाहिक जीवन आपका सामाजिक जीवन और आपकी मानसिक स्थिति अच्छी बनी रहे।
उम्मीद करता हूं आपको इस आर्टिकल के जरिए यह चार महत्वपूर्ण कारण स्पष्ट हो गए हैं और समझ आ गए।
आपका अपना रुद्राक्ष श्रीमाली

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