अनेक बार व्यक्ति को कुछ कार्यवश कर्ज लेना पड़ता है और कभी-कभी मित्रों एवं रिश्तेदारों को कर्ज देना भी पड़ता है। कई बार कर्ज लेने के बाद उसे चुकाना बड़ा मुश्किल हो जाता है। कर्ज कब लिया जाए और कर्ज कब दिया जाए। इस पर ध्यान देना आवश्यक है। इस आलेख में मैंने इन्हीं सब बातों का खुलासा उपायों के रूप में प्रस्तुत किया है। आप भी इन उपायों को अपनाकर लाभान्वित हो सकते है।
- यदि आपका कर्ज नहीं उतर रहा हो तो आप कर्ज की किश्त शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार से आरम्भ करें।
- मंगलवार, संक्रान्ति, वृद्धि योग, हस्त नक्षत्र तथा रविवार को ऋण नहीं लेना चाहिए। इन दिनों कर्ज वापस करना शुभ होता है ।
- प्रथम सोमवार (उपवास रखकर) को अशोक वृक्ष के नीचे बैठकर पूर्व की ओर मुख करके वृक्ष की पूर्व दिशा की मिट्टी इकट्ठी करें। फिर उसे छानकर एक कटोरी में रखकर, उसमें केसर की 11 सल, थोडा-सा हरसिंगार का इत्र, 11 नागकेसर, एक चुटकी चन्दन तथा काली गाय का दूध मिलाकर आटे के समान बनाएं। फिर उस गीली मिट्टी से भगवान शंकर की पिण्डी बनाएं। अब उसे धूप-दीप के साथ भोग अर्पित करके ऊँ नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जप करें। प्रत्येक जप पर एक बिल्वपत्र अर्पित करें। इस प्रकार 108 बिल्वपत्र अर्पित करें। फिर प्रणाम करके घर आ जाएं और अर्पित प्रसाद बच्चों मे बांट दें । अगले सोमवार को उसी पिण्डी पर मंत्र जप करते हुए पुनः 108 बिल्वपत्र अर्पित करें। इस प्रकार लगातार सात सोमवार व्रत रखकर उस पिण्डी की सेवा करें और बिल्वपत्र अर्पित करे। सातवें सोमवार को पिण्डी पर महाभोग अर्पित करके पूजन करें। पूजन के बाद पहले सोमवार से सातवें सोमवार तक अर्पित बिल्वपत्र में से सात पत्र चुनकर चांदी की किसी डिब्बी में रखकर अपने पूजा स्थल में रख दें और नियमित पूजन करें। पिण्डी व बचे बिल्वपत्र को किसी नदी में विसर्जित कर दें। व्रत में सिर्फ फलाहार ही करे। यह उपाय मां लक्ष्मी के स्थायी वास तथा कर्ज मुक्ति में लिए करते है।
- यदि आप अधिक कर्जदार हो और कर्ज उतरने का नाम नहीं ले रहा हो, तो किसी भी शुक्ल पक्ष की प्रथमा तिथि को स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। फिर पूर्व की ओर मुख करके बैठ जाएं। अब एक हत्था जोड़ी को नीले धागे से 110 बार लपेटें । लपेटते समय ईश्वर से ऋण मुक्ति की प्रार्थना करें। जब 110 चक्र पूरे हो जाएं, तो श्री गणेशजी का स्मरण करके 28 बार ॐ गं गणपत्यै ऋणहर्तायै नमः मंत्र का जाप करें। मंत्र जप के बाद हल्दी से रंगे पीले चावल अर्पित करते हुए पुनः इसी मंत्र का 35 बार जप करें। जप के बाद लाल अथवा गुलाबी वस्त्र पर हत्थाजोड़ी रखकर प्रणाम करके उठ जाएं। अलगे दिन पुनः यही क्रिया करें। इस प्रकार नवमी तिथि तक यह प्रक्रिया करते रहें। नवमी की रात को उसी कपड़े में हत्थाजोड़ी को बांधकर अपने घर के किसी कच्चे स्थान पर दबा दें। फिर उस पर कोई वजनी पत्थर अथवा अन्य वस्तु रख दें। कुछ ही समय में आप कर्ज से मुक्त हो जाएंगे ।
- बुधवार के दिन किसी को भी ऋण अथवा धन नहीं देना चाहिए अन्यथा उसके वापस आने में बाधा रहेगी।
- अगर आप निरंतर ऋण में फंसते जा रहे हों तो 6 शनिवार को श्मशान के कुएं का जल लाकर पीपल के वृक्ष पर चढ़ाएं। ऋण मुक्ति हो जाएगी ।
- ‘अमृतसिद्धि’, ‘द्विपुष्कर’ अथवा ‘त्रिपुष्कर’ योग में कभी भी कर्ज नहीं लेना चाहिए।
- स्थिर लग्न में भी कर्ज नहीं लेना चाहिए। चर लग्न (मेष, कर्क, तुला तथा मकर) में लिया गया कर्ज जल्दी चुकाया जाता है, इसलिए चर लग्न में ही कर्ज लें।
- स्वाति, पुनर्वसु, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, मृगशिरा, रेवती, चित्रा, अनुराधा, अश्विनी, पुष्प अथवा विशाखा नक्षत्रों में कर्ज ले सकते है, जिससे आप जल्दी ही कर्जमुक्त हो सकें ।
- जब तक आप पूर्णतः कर्ज से मुक्त न हो जाएं तब तक नियमित्र रूप से ऋणमोचक मंगल स्तोत्र और कवच का पाठ करते रहें। इसके प्रभाव से आप बहुत जल्दी ऋण मुक्त हो जाएंगे।
- यदि आपकी राशि का स्वामी बारहवें घर में हो तब भी आप ऋण चुकाना आरम्भ कर सकते है।
- यदि आपकी जन्म-पत्रिका के छठे भाव का स्वामी बारहवें भाव में हो तो आप ऋण की किश्त देना आरम्भ कर सकते है।
- यदि आपने मकान के लिए ऋण लिया है, तो शीघ्र ऋण मुक्ति के लिए हस्त नक्षत्र में प्लॉट में लगाए गए आम के नीचे बैठकर श्री सूक्त का पाठ करें। अति शीघ्र ऋण मुक्ति वृक्ष के प्राप्त करेंगे।
- यदि आपकी जन्मपत्रिका में मंगल के साथ कोई पाप ग्रह हो, तो आप अपने नाम से मकान अथवा भवन के लिए ऋण न लें।
- यदि आपको निवास के लिए कर्ज लेना हो, तो जिस समय मंगल आपकी राशि में आए, उस समय शुक्ल पक्ष के प्रथम बुधवार को आप ऋण ले सकते है।
- यदि आपको मकान के लिए कर्ज लेना हो, तो गोचर में जब आपकी जन्मपत्रिका के नवम अथवा चतुर्थ भाव के स्वामी के साथ चन्द्र आए, तब आप भवन के लिए ऋण ले सकते हैं।
- ऋण की प्रथम किश्त हनुमान जी के चरणों से स्पर्श कराकर दें।
- यदि आप अपने निवास के निर्माण के लिए कर्ज लेते हैं, तो मकान के निर्माण के समय विधिवत अभिमंत्रित श्रीयंत्र, वास्तुदोष निवारण यंत्र तथा श्री मंगल यंत्र को मकान में स्थान दें ।
- जब आप किसी भी प्रकार के कर्ज की प्रथम किश्त का भुगतान करें, तो उस दिन हनुमान जी के नाम से दो गरीबों को भोजन कराएं।
- कर्ज की किश्त प्रथम मंगलवार से देना आरम्भ करें और उसी दिन सवा मीटर लाल कपड़े में 9 सौ ग्राम लाल मसूर किसी को दान करें। फिर लगातार तीन मंगलवार यह उपाय करते रहें। यह दान किसी ऐसे गरीब को दें, जो मंगलवार को दाल बनाकर अपने परिवार को खिलाए। इससे उपाय अधिक प्रभावी होगा।
- यदि आपने कर्ज लेकर मकान का निर्माण करवाया है, तो मकान में प्रवेश से पहले वास्तुपूजन अवश्य करवाएं। विधि-विधान से गृहप्रवेश करें तथा गृहप्रवेश के समय अपने इष्टदेव की तस्वीर लेकर प्रवेश करें। उस तस्वीर को पूजा स्थल में स्थान दें। प्रवेश के बाद नियमित रूप से सवा माह तक मुख्य द्वार पर किसी कन्या से हल्दी द्वारा स्वस्तिक का चिह्न बनावाएं। इसके प्रभाव से आप बहुत जल्दी कर्ज से मुक्त हो जाएंगे।
- शुक्रवार के दिन कमल का पुष्प लाकर लाल वस्त्र में लपेटकर अपनी तिजोरी में रख दें। धन का आगमन होने लगेगा और आपकी तिजोरी कभी खाली नहीं रहेगी।
- अगर लाभ मार्ग अवरूद्ध हो तो शुक्रवार के दिन से नित्य गोधूलि वेला में श्रीमहालक्ष्मी के सामने या तुलसी के पौधे के पास गौधृत का एक दीपक जलाएं। इससे धनागमन होने लगेगा ।
- घर में केले के दो वृक्ष लगाकर नियमित रूप से उसे जल अर्पित करें। मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होगा। शुद्ध घी का दीपक अर्पित करने से जल्द ही ऋण मुक्त हो जायेगें।
- सवा 3 रत्ती का पन्ना चांदी की अंगूठी में जड़वाकर शुभ मुहूर्त में कनिष्ठा उंगली में शुक्ल पक्ष के बुधवार को धारण करें। आपके पास धन की कमी नहीं रहेगी।
- यदि आप अपने घर के भोजन में से तीन रोटी क्रमशः गाय, कुत्ता और कौए के लिए निकालें, तो कभी भी आर्थिक समस्या नहीं आएगी।
- नित्य प्रातःकाल भगवती लक्ष्मी को लाल पुष्प अर्पित करके दुध से बनी मिठाई का भोग लगाएं। आर्थिक संकट दूर होकर धन लाभ होगा।
- गूलर के जड़ को कपड़े में लपेटकर चांदी की तावीज में रखकर गले में धारण करने से आर्थिक संकट से मुक्ति मिलती है।
- यदि आप प्रत्येक सोमवार को नीम के वृक्ष में जल अर्पित करके शुद्ध घी का दीपक और अगरबत्ती अर्पित करें, तो आर्थिक संकट दुर होकर तीव्र गति से आर्थिक उन्नति होगी।
- यदि आप पर कोई आर्थिक संकट हो, तो प्रत्येक गुरुवार को बड़, पीपल और अशोक के 3-3 पत्तों का गुच्छा बनाकर 11 गुच्छों का बन्दनवार मुख्य द्वार के दोनों ओर टांगें। आर्थिक संकट दूर हो जाएगा।
- माह में एक बार किसी शनिवार को कुत्ते को इमरती तथा भिखारी को भोजन दान करें। इससे आर्थिक हानि में रूकावट आएगी ।
- यदि आप किसी हिजडे या हरिजन को दान करते है. तो यह आपके लिए बहुत शुभ है। इस उपाय से भी आर्थिक हानि में रुकावट आएगी।
- शनिवार को शनिदेव का स्मरण कर सरसों के तेल से तिलक करें। आर्थिक हानि नहीं होगी।
- यदि आपको आर्थिक हानि अधिक होती हो, तो धन स्थान पर पीपल के कुछ पत्ते रखें, परन्तु पत्ते से पहले आप उन्हें गंगाजल से शुद्ध करें और हल्दी से स्वस्तिक का चिह्न बनाकर ही रखें। आर्थिक हानि नहीं होगी।
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